आयुर्वेद में मोटापा बढ़ने के कई कारण बताए गए हैं, जो मुख्य रूप से अनियमित जीवनशैली, गलत खानपान और मानसिक तनाव से जुड़े होते हैं।
जाने क्यों बढ़ता है मोटापा?
असंतुलित भोजन: आयुर्वेद के अनुसार, तामसिक (ज्यादा तला-भुना, मसालेदार) और भारी भोजन करने से अग्नि (पाचन शक्ति) कमजोर हो जाती है। इससे भोजन का पाचन सही से नहीं होता और शरीर में अम्लता और विषाक्त तत्व जमा होते हैं, जो वसा के रूप में शरीर में इकट्ठे होने लगते हैं।
अनियमित दिनचर्या: देर रात तक जागना, कम शारीरिक सक्रियता, और समय पर न खाना पाचन को धीमा कर देता है। इससे वसा संचय होने लगता है, और मोटापा बढ़ता है।
मानसिक तनाव: तनाव बढ़ने से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे खाने की प्रवृत्ति (खासकर मीठा और तला हुआ) बढ़ जाती है। इस वजह से भी वजन बढ़ता है।
दोष असंतुलन: आयुर्वेद में वात, पित्त और कफ दोष का महत्व है। मोटापा कफ दोष की अधिकता से बढ़ता है, जिससे शरीर में स्थूलता और भारीपन बढ़ता है।
जाने आयुर्वेदिक दृष्टिकोण सेमोटापा कम करने के 10 आसान आयुर्वेदिक उपाय
1. त्रिफला चूर्ण का सेवन करें
त्रिफला (आंवला, बहेड़ा, और हरड़) का मिश्रण पाचन शक्ति को सुधारता है और शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
2. गर्म पानी पिएं
सुबह उठकर एक गिलास गुनगुना पानी पीना कफ दोष को संतुलित करता है और मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है। दिनभर में भी गुनगुने पानी का सेवन करें।
3. अदरक और शहद का सेवन करें
अदरक का रस और एक चम्मच शहद को मिलाकर रोज सुबह लें। यह मिश्रण शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में सहायक होता है।
4. लेमन और हनी वाटर
सुबह खाली पेट गर्म पानी में नींबू और शहद मिलाकर पिएं। यह मेटाबोलिज्म को तेज करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
5. कपालभाति प्राणायाम करें
कपालभाति प्राणायाम पेट की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और शरीर में जमे हुए वसा को घटाने में सहायक है। रोज 10-15 मिनट करें।
6. मसालेदार भोजन खाएं
अदरक, हल्दी, काली मिर्च, और दालचीनी जैसे मसाले मोटापा घटाने में सहायक होते हैं। ये मसाले पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं और वसा को जल्दी जलाने में मदद करते हैं।
7. अश्वगंधा का सेवन करें
अश्वगंधा शरीर में तनाव हार्मोन को नियंत्रित करता है, जिससे अनियंत्रित भोजन और वसा बढ़ने की समस्या को दूर किया जा सकता है।
8. सादा और पौष्टिक भोजन खाएं
आयुर्वेद के अनुसार, ताजे और कम प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और दालों का सेवन करें। इससे शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण कम होता है।
9. नीम और करेला का सेवन
नीम और करेला शरीर की सफाई करते हैं और रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखते हैं, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
10. सही दिनचर्या अपनाएं
आयुर्वेद में दिनचर्या का महत्व बहुत अधिक है। जल्दी उठना, नियमित व्यायाम करना, समय पर भोजन करना और रात में जल्दी सोना वजन घटाने में सहायक है।
इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर न केवल आप मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं बल्कि अपने संपूर्ण स्वास्थ्य में भी सुधार ला सकते हैं। आयुर्वेद में मोटापे से जुड़े उपचार को धैर्य और निरंतरता के साथ अपनाने पर खास असर दिखाई देता है। इन उपायों को नियमित रूप से करने से आपको दीर्घकालिक लाभ मिल सकते हैं।
Source - Information Center