भारतवर्ष में सैकड़ो किस्म के सांप पाये जाते है जिनमे कोबरा, कैरट, वाइपर इत्यादि आम है।अक्सर सारे सांप विषैले नही होते इनकी 2 फुट से 15 फुट तक देखी गई हैकई सांप समुद्र में रहते है। कई सांप उड़ने वाले भी होते है सांप मनुष्य को अधिकतर तब कटते है जब इन पर पांव पड़ता है या इन्हे किसी प्रकार की चोट पहुँचती है।सांप आम तौर पर नंगे पांव या हाथ की अंगुलियों पर कटता है अक्सर सांप का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते है इससे सदमे के बढ़ने का बहुत भय रहता है।
सांप के काटने के चिह्न व लक्षण
1. सांप जहा कटता है वहा पर दो काले निशान पड जाते है जैसे ही वह अपने अगले दो दांत मनुष्य या किसी जानवर की चमड़ी में डालता है, बड़ी फुर्ती से घूमता है जिससे उसके दांतों के पास वाली जहर की थैली फूटने से यह विष उन्ही दांतों व्दारा उस शरीर में चला जाता है।
2. काटे हुए स्थान पर बहुत दर्द होता है।
3. कई बार काटे हुए स्थान पर सूजन आ जाती है।
4. मुँह से काफी मात्रा में लार गिरती है और उल्टी आने की इच्छा होती है।
5. एक घंटे के अंदर - अंदर रोगी शक्तिहीन हो जाता है।
6. श्वास क्रिया में दिक्कत होती है और बोलने वाले अंगो में लकवा मार जाता है नशा सा आ जाता है।
7. आँख की पुतली सिकुड़ जाती है।
8. कई बार रोगी को नींद भी आने लगती है।
फर्स्ट ऐड -
1. रोगी को पूरी आराम वाली दशा में रखे उसके शरीर की गर्मी नष्ट न होने दे व कम्बल, कोट आदि उढा दे।
2. फौरन कटे हुए स्थान के नीचे और उपर वाले हिस्से पर किसी पट्टी व्दारा, रूमाल या टाई आदि से टूर्नीकेट (बंध) लगा दे हर पंद्रह मिनट के बाद उस बन्ध को 20 - 30 सेकण्ड के लिए ढीला कर दे और पुनः लगा दे यह क्रिया तब तक करते रहे जब तक डॉक्टरी सहायता प्राप्त नही हो जाती।
3.उन दोनों काले निशानों को तेज धार वाली वस्तु से 3/4 से 1/3 घाव (X) कर दे और उसको चूसकर थूक दे (जबकि आपके मुँह में कोई घाव न हो तो ) या Suction device का उपयोग करे यहा ध्यान रखे की घाव को इतना अधिक न काट दे वे की कोई बड़ी रक्त नलिका कट जावे।
4. कटे हुए स्थान को अच्छी तरह धो कर उस पर लाल दवा अच्छी तरह मसल दे।
5. रोगी को भयहीन करे और सदमे का फर्स्ट ऐड करे (यह बहुत आवश्यक है) चेहरे पर ठण्डा पानी डाले।
6. रोगी को जगाए रखे चाहे उसके मुँह पर पानी के छींटे डालकर या किसी और तरीके से धैर्य बंधाना चाहिए।
7. रोगी को पीने के लिए तरल पदार्थ गर्म करके, दूध,काफी, चाय आदि अधिक चीनी मिलाकर देवे।
8. यदि श्वास नही आ रही हो तो कृत्रिम श्वास दे।
9. फौरन डॉक्टरी सहायता प्राप्त करे और विष विरोधी इंजेक्शन लगवाये।
10. कटे हुए स्थान को हृदय की सतह से नीचे रखे।
Note - ऐसे स्थानों पर जहा सांपो का खतरा हो, बचाव के लिए लम्बे और मोटी चर्म के जूते पहने और इसी तरह हाथो के बचाव के लिए दस्ताने पहनने चाहिए।
मधुमक्खी के काटने पर
हमारे देश में भी मधुमक्खी या अन्य विषैले कीड़ो के काटने की घटनाए बहुत आम है जहा भी इस तरह के कीड़े काटते है रोगी को वहां पर अति तेज दर्द होता है एवं उस जगह पर सूजन आ जाती है।
फर्स्ट ऐड
1.उस विषैले कीड़े का डंक किसी सूई या डॉक्टरी चिमटी से निकाल दे (सूई को गरम करके कीटाणु रहित कर ले
2. घाव पर चूना या मीठा सोडा पानी मिलाकर लगाए ।
3.सूजन को कम करने के लिए बर्फ घिसे ।
पागल कुत्ते के काटने पर
आजकल कुत्तो व्दारा मनुष्य को काटने की घटनाए काफी मात्रा में देखने को मिलती है, क्योकि लोगो को अपने घरो में कुत्ते पलने का शौक है और गलियों में भी आवारा कुत्तो की संख्या काफी बढ़ गयी है ।
पागल कुत्ते की पहचान
1. उसके मुँह से सारे समय लार निकलती रहती है।
2. वह लडखडाता हुआ चलता है।
3. वह बिना कारण भौकता रहता है।
4.उसका चेहरा व आँखे लाल व भयानक हो जाती है एवं वह किसी को बिना कारण काट लेता है।
फर्स्ट ऐड -
1. कुत्ते के काटे हुए अंग को कीटाणुनाशक घोल से या गरम पानी एवं साबुन से धो में ताकि लार उतर जाए।
2. शरीर पर लगे दांतों के निशान पर कार्बोलिक एसिड का घोल लगा दे।
3. रोगी को तुरंत अस्पताल भेजकर डॉक्टर को दिखाए एवं डॉक्टर व्दारा उचित इलाज कराए वरना। हाईड्रोफोबिया रोग से रोगी की मौत हो सकती है।
4. काटे हुए कुत्ते पर 10 दिन तक नजर रखे अगर कुत्ता मर जाए तो इलाज करने वाले डॉक्टर को सूचित करे।