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First Aid - Snake Bite

First Aid Guide - Snake Bite

Snake bite is prevalent in our community for generations, and we are not able to prevent it. Education of the common man is required from snake bite, as well as measures to be taken after the bite. Snake bite may occur at any time during lifetime. WHO (2004) provided recommendations to reduce death due to snake bite as per international norms. A primary recommendation, based on evidence based procedures, was to establish a single protocol for both first-aid and treatment, and is relevant in Indian context as well.

First Aid - उदेश्य एवं सिद्धांत

First Aid के उदेश्य 

  • घायल व्यक्ति का जान बचाना
  • बिगड़ी हालत से बाहरा निकालना
  • तबियत के सुधार में बढ़ावा देना

First Aid  के सिद्धांत 

  • सांस की जाँच करें 
  • अगर चोट लगी है और रक्त बह रहा हो तो जल्द से जल्द रक्तस्राव को रोकें
  • अगर घायल व्यक्ति को सदमा लगा हो तो उसे समझाएं और सांत्वना दें
  • अगर व्यक्ति बेहोश हो तो होश में लाने की कोशिश करें
  • अगर कोई हड्डी टूट गयी हो, तो सीधा करें और दर्द को कम करें
  • जितना जल्दी हो सके घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल या चिकित्सालय पहुंचाए

First Aid - Burns

Q. Should I use ice to cool the burn?

No, use water only. Ice may further damage the skin.

Q. Should I put a plaster over a burn to make sure it doesn't get infected?

One should not use any adhesive bandages as it’ll stick to the skin and may cause further damage. Instead the burns should be covered with cling film or a clean plastic bag which will help prevent infection.

First Aid - Heavy Bleeding

Q. What should one do if the patient is bleeding heavily?

Put pressure on the wound with whatever available to stop or slow down the flow of the blood.
Call local emergency numbers or ask for some body help to get to hospital.
Keep pressure on the wound until the help arrives.

First Aid - Nose Bleeding

  • Symptoms of nose bleeding
  • Bleeding from either or both nostrils Sometimes bleeding from ears/ mouth too.
  • Q. What are the causes of nose bleeding
  • Dryness 
  • Blowing nose with force 
  • Use of medications, like aspirin 
  • Nose picking
  • Pushing objects into nose 
  • Injuries / blow to the nose

First Aid - प्राथमिक सहायता देने वाले के आवश्यक गुण

प्राथमिक उपचार करनेवाले व्यक्ति के गुण
  1. विवेकी (observant) - वह विवेकी , सचेत, निपुण एवं परिश्रमी होना चाहिए । जिससे वह दुर्घटना के चिन्ह पहचान सके;
  2.  व्यवहारकुशल (tactful) - उसे संवेदनशील होना चाहिए । जिससे घटना संबंधी जानकारी जल्द से जल्द प्राप्त करते हुए वह रोगी का विश्वास प्राप्त करे। वह दयालु होना चाहिए अर्थात् उसके दिल में लोगो के लिए दया होनी चाहिए ।

First Aid - शरीर रचना


प्राथमिक सहायक को शरीर की रचना और क्रिया का कुछ ज्ञान आवश्यक है या शरीर की रचना और क्रिया की जानकारी के बिना वह ठीक प्रकार से घायल की  सहायता नही कर सकताशरीर के मुख्य अंग जिनकी स्थिति का ज्ञान होना चाहिए वे है  - मस्तिष्क , फेफड़े,और हृदय

शरीर के संस्थान - शरीर की रचना और क्रिया के अध्ययन के लिए सारे शरीर को संस्थाओ में बांटते है

शरीर के उन अंगो के समूह को संस्थान कहते है जो मिलकर एक ही प्रकार का कार्य करते है शरीर के मुख्य संस्थान इस प्रकार है -

First Aid - शरीर के महत्वपूर्ण संस्थान

यदि किसी को अचानक शरीर पर कही भी चोट, खरोच या रगड लग जाती है तो उस जगह पर लाल रंग का द्रव्य पदार्थ निकलने लगता है जो रक्त या ब्लड कहलाता है

प्रत्येक मनुष्य के शरीर में साढ़े पांच से छ: लीटर के बीच रक्त होता हैयह रक्त शरीर में चारो तरफ शरीर के अंगो को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचता है और उन्हें जिन्दा रखता है एस रक्त के संचार में हृदय, धमनियाँ, शिराए और कोशिकाए कार्य करती है

First Aid - घाव और रक्त स्राव होने पर

घाव होने पर कोशिकाये तो कटती ही है कभी - कभी धमनियाँ और शिराये भी कट जाती है कोशिकाओ, धमनियों अथवा शिराओ के कटने से रक्त स्राव होता है अधिक मात्रा में रक्त निकल जाने से रक्त चाप कम हो जाता है और मस्तिष्क तक रक्त कम मात्रा में पहुँचता है इसलिए नाडी संस्थान अपना कार्य ठीक नही कर सकता और घायल मूर्छित हो जाता हैसाँस बंद होने को छोडकर अधिक मात्रा में रक्त स्राव सबसे खतरनाक स्थिति है 

First Aid - हड्डियों की टूट और जोड़ो की चोट

हड्डियों के टूटने के कारण - 

1. सीधी चोट - जहां चोट लगे वही की हड्डी टूटे, ऐसी चोट को सीधी चोट कहते है जैसे बांह पर लाठी लगने से बांह की हड्डी टूटना 

2. कुटिल चोट - चोट किसी स्थान पर लगे और हड्डी किसी दूसरे स्थान की टूटे ऐसी चोट कुटिल चोट कहलाती है जैसे - हथेली के बल गिरने से हंसली की हड्डी टूटना तथा एडियो के बल गिरने से रीढ़ की या खोपड़ी के तले की हड्डी टूटना 

3. मांस पेशियों का तनाव - मांस पेशियो के अत्यधिक तनाव में भी हड्डी टूट जाती है जैसे खेलते या दौड़ते समय घुटने की पटेला अस्थि का टूट जाना अथवा मरोड़ने पर कलाई या कुहनी पर से हाथ की हड्डियों का टूट जाना 

First Aid - बिजली का झटका

आज के  युग में बिजली का प्रयोग हर घर में, वर्कशॉप, कारखानों, दफ्तरों, दुकानों में सब जगह होता है और इससे हमे बहुत लाभ होता हैलेकिन यह इतनी खतरनाक है कि जब हम लापरवाही और नासमझी से प्रयोग करते है तो हर वर्ष हजारो जाने इसी  वजह से चली जाती है

बिजली तीन प्रकार की होती है -

1. A.C. Current

2. D.C. Current

3. Lightning - अर्थात  बादलो से  गिरने वाली

बिजली का धक्का उसकी शक्ति पर  निर्भर करता है घरो की बिजली की 110 से 220 वोल्ट तक होती है और कारखानों के 450 - 1100 से 400000 तकरेलों में 1100 डीसी वोल्टेज होते है

First Aid - जलना और झुलसना

राष्ट्रीय संरक्षा परिषद की खोज के अनुशार भारतवर्ष में हर वर्ष हजारो की संख्या में असावधानी और लापरवाही से अग्नि दुर्घटनाओ से कितनी ही जाने चली जाती है जो की थोड़ी सी सावधानी से  बचायी जा सकती है 

इसमें 3% घरो में होती है और उनमे छोटे बच्चे और बूढ़े अधिक है अग्नि दुर्घटना में उस अंग की जलने की गहराई आयु, स्वास्थ्य और शीघ्र फर्स्ट ऐड पर निर्भर करती है 

जलने के कारण - 

1. सूखी गर्मी से जलना - जैसे आग से तेज गर्म धातु के छूने या उसके साथ लगने से, चलती हुई कल - पुर्जो की रगड से या बहुत तेज विधुत शक्ति आदि से 

First Aid - सदमा (आघात)

आघात प्रायः सभी प्रकार की बड़ी  चोटों या आकस्मिक घटनाओ पर हो ही जाता है यह ऐसी शक्तिहीनता की अवस्था है जिससे की  शरीर की जीवनावश्यक क्रियाए सब मन्द पड़ जाती है इसके साथ - साथ रक्त परिभ्रमण की पद्धति में स्थायी शक्तिहीनता से पूर्ण न्यूनता तक परिवर्तन हो जाता है यह दो प्रकार का होता है - 

1.Nerve Shock
2. Established Shock

आघात के कारण - 

1. शरीर से बहुत अधिक रक्त बह जाने के कारण 
2.बहुत ज्यादा जल जाने के कारण 

First Aid - मिर्गी का दौरे

यह रोग हर आयु के व्यक्ति को हो सकती है किन्तु युवा अवस्था में आम होती है 

 लक्षण -

1. रोगी खड़ा - खड़ा बेहोश और चक्कर खाकर पृथ्वी पर गिर पड़ता है और शरीर कुछ देर के लिए अकड जाता है
2. रोगी हाथ - पैरो को इधर - उधर फेकता है
3. मुँह से झाग आ जाता है
4. रोगी के दांत भिच जाते है और जीभ काटने लगता है

 फर्स्ट ऐड -


1.रोगी को संकट वाली जगह जैसे पानी,आग,चलती मशीनों इत्यादि सर दूर रखे।

First Aid - विष/जहर

संसार में जितने भी पदार्थ या जीव - जंतु प्रकृति ने बनाये  है, वे चाहे कितने ही विषैले क्यों न हो,सब हमारे किसी न किसी कम आते है किन्तु कई बार जब हम उनका नासमझी से या जान - बूझकर आत्महत्या के लिये उल्टा सीधा सेवन या प्रयोग करते है तो वही हमारे लिए बीमारी या मृत्यु का कारण बन जाते है जैसे विषैली दवाइय, कीटाणु- नाशक औषधिया, गैस इत्यादि खैर,ये चीजे तो है ही विषैली लेकिन कई बार ऐसे पदार्थ जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है और उनसे हमारे शरीर की पुष्टि मिलती है जब लोभ - लालच में आवश्यकता से अधिक खा - पी लेते है तो  वही हमारे लिए दुखदायी जहर हो जाते है और जब तक की उनका निवारण न किया जाए, मन को शांति नही मिलती।

जहर कोई भी  वस्तु - तरल, गैस और सख्त पदार्थ हो सकते है जब यह शरीर में काफी मात्रा में ले ली जाती है अथवा दे दी जाती है तो इसका प्रभाव शरीर पर शीघ्र पड़ना आरंभ हो जाता है और यदि तत्काल प्राथमिक फर्स्ट ऐड  मिले तो जीवन नष्ट हो जाता है यह चार तरह से लिया जा सकता है लिया आत्म - हत्या के लिए और दिया जा सकता है लोभ - लालच में आकर किसी को  मारने, बेहोश करने  के लिए।

विष शरीर में  निम्नलिखित तरह से पहुँचता  है -

1. फेफड़ो (साँस) व्दारा

2. खाने अथवा निगलने व्दारा

3. चमड़ी के अंदर इंजेक्शन अथवा  विषैले जानवर के काटने व्दारा

4. चमड़ी के अवशोषण व्दारा

1. फेफड़ो व्दारा - यह आम तौर पर किसी विषैले धुंएक्र सूंघने से जैसे मोटर के पीछे का धूआ, अंगीठी का धूआ, गटर की गैस,लड़ाई के समय बम आदि की गैसों व्दारा


फर्स्ट ऐड

     1.रोगी को उस गैस के प्रभाव से दूर कर  ले।


     2.बदन के छाती, गर्दन, कमर के  कपड़े ढीले कर दे।


     3.ताजा हवा दे खिडकियाँ दरवाजे आदि खोल दे।


     4. नाक, मुँह, गला साफ करे और पानी के छीटे दीजिए।


     5.यदि श्वास नही आ  रही हो तो फ़ौरन कृत्रिम श्वास दे।


    6. अपने बचाव के लिए भी अपने नाक और मुँह पर गीला कपडा  डाल कर वहा जाये गैसों का प्रभाव हो।


2.खाने अथवा निगलने व्दारा - जैसे अफीम, धतूरा,भांग, शराब, कीटाणु - नाशक दवाइयाँ, नींद की गोलिया सादे गले खाद्य पदार्थ इत्यादि।


फर्स्ट ऐड - गले में अंगूठी डालकर रोगी को तत्काल उल्टी करवाये या काफी मात्रा में पानी में नमक, पिसी हुई राई घोलकर या पांच - छ: गिलास साबुन का पानी या खाने वाला सोडा पानी में घोलकर पिलाये और उल्टी करवाने के पश्चात् वमन करवा दे और पेट एक बार बिलकुल साफ कर दे क्योकि यदि यह विष अंदर रहा तो ज्यो - ज्यो घुलेगा, त्यों - त्यों नशा बढेगा पेट खाली होने के पश्चात् गर्म चाय, दूध, काफी, आदि दे सकते है शराब आदि न दी जाए उल्टी वाले पदार्थ  को किसी चीज से ढक देना चाहिए इससे रोगी ने कौन सा जहर लिया है यह तो पता लगेगा ही, इसके साथ - साथ Legal significance में  भी मदद मिलेगी ।

3. जलाने वाले विष - यदि अम्ल पदार्थ जैसे गंधक, शोरे, नमक का तेजाब इत्यादि या क्षार पदार्थो में  जैसे कास्टिक सोडा, कास्टिक पोटाश तेज अमोनिया इत्यादि - इं दोनों अवस्थाओ में रोगी के होठो, जीभ, जला, पेट जल साँस लेने में भी कठिनाई महसूस होती है होठो पर हाथ  लगाने से साबुन जैसा प्रतीत होता है ।

फर्स्ट ऐड 

1.ऐसे रोगी भूल  कर भी उल्टी नही करवाये।

2. यदि विष अम्ल हो तो हल्का क्षार पदार्थ देवे जैसे चूने का पानी, खडिया, चाक, मीठे सोडे या मैग्नेशिया का पानी या साबुन को  घोलकर उसका ऊपर का निथरा हुआ पानी ।

3. यदि विष क्षार हो तो  हल्की मात्रा का अम्ल पदार्थ पिलाना चाहिए, जैसे  नीबू का रस, जामुन का सिरका, इमली या टाटरी पानी में घोलकर दे ।

4.यदि यह पता न चल सके की विष तेजाब है या क्षार, तो रोगी को ठंडा पानी, ठंडा दूध काफी मात्रा में पिलाओ 

5. यदि श्वास रुक गई है तो तुरंत  कृत्रिम श्वास दे ।

First Aid - सांप, मधुमक्खी, पागल कुत्ते का काटना

भारतवर्ष में सैकड़ो किस्म के सांप पाये जाते है जिनमे कोबरा, कैरट, वाइपर इत्यादि आम हैअक्सर  सारे सांप विषैले नही होते इनकी 2 फुट से 15 फुट तक देखी गई  हैकई सांप समुद्र में रहते है कई  सांप उड़ने वाले भी होते है सांप मनुष्य को अधिकतर तब कटते है जब इन पर पांव पड़ता है या इन्हे किसी प्रकार की चोट पहुँचती हैसांप आम तौर पर नंगे पांव या  हाथ की अंगुलियों पर कटता है अक्सर सांप का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते है इससे सदमे के बढ़ने का  बहुत भय रहता है

First Aid - फर्स्ट एड बाक्स

भारतीय रेल में सभी स्टेशनों पर जहा स्टेशन मास्टर पदस्थापित है वहा फर्स्ट ऐड बॉक्स व पास के अस्पतालों की सूची व टेलीफोन नंबर होना अनिवार्य है इसके अलावा सभी पैसेंजर ट्रेन के गार्ड के पास, लंबी दूरी की गाडियों (राजधानी आदि ) में पेंट्री कार में एवं सभी कारखानों में भी फर्स्ट ऐड बॉक्स उपलब्ध रहता है किसी भी फर्स्ट एड बॉक्स पर ताला नही लगाया जाता बल्कि उन्हें हमेशा पेपर सील किया जाता है ।

First Aid - रोगियों को ले जाने की विधियाँ

किसी भी दुर्घटना के बाद रोगी को उसी स्थान पर प्राथमिक सहायता देने के बाद यह अति आवश्यक हो जाता है ही उस रोगी को जल्द से जल्द किसी अस्पताल में ले जाया जाए और डॉक्टर के संरक्षण में उसका इलाज करवाया जाए ऐसे में रोगी को ले जाने के लिए विभिन्न तरीके उपयोग में लाए जाते है कई बार अति शीघ्रता के कारण रोगी को अकेले या ठीक प्रकार से न उठाने और ले जाने से रोगी की तकलीफ बढ़ सकती है इसीलिए उचित तरीके से ही रोगी को अस्पताल ले जाने की कोशिश करनी चाहिए रोगी को उठाने से पहले कुछ बातो का विशेष खयाल रखना चाहिए जैसे - रोगी की साँस एवं नब्ज ठीक चल रही है या नही, घाव से खून बहना बंद हो गया  है या नही, अगर हड्डी टूट गई है तो खपच्ची ठीक तरीके से  बाँधी गई है या नही !


First Aid - कुछ विशेष जानकारी

  • कभी  भी कोई एलोपैथी दवाई किसी भी डॉक्टर की सलाह के बिना न तो स्वयं ले न किसी को दे
  •  बिना लेवल वाली दवाइयो को अपने घर में न रखे
  •  घर में हर तरह की दवाईया, कीड़े या चूहे मारने की दवा, सफाई में काम में आने वाले अम्ल या क्षार बच्चो की पहुँच से दूर रखे क्योकि दुर्घटना के कारण बं जाते है
  • . बिजली के उपकरणों को सुरक्षित रखे

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