घाव होने पर कोशिकाये तो कटती ही है कभी - कभी धमनियाँ और शिराये भी कट जाती है। कोशिकाओ, धमनियों अथवा शिराओ के कटने से रक्त स्राव होता है। अधिक मात्रा में रक्त निकल जाने से रक्त चाप कम हो जाता है और मस्तिष्क तक रक्त कम मात्रा में पहुँचता है इसलिए नाडी संस्थान अपना कार्य ठीक नही कर सकता और घायल मूर्छित हो जाता है।साँस बंद होने को छोडकर अधिक मात्रा में रक्त स्राव सबसे खतरनाक स्थिति है ।
घाव के भेद -
1. कटे हुए घाव - किसी धारदार वस्तु (जैसे ब्लेड, चाकू इत्यादि) से कटा हुआ इस प्रकार के घाव में धमनियों और शिराओ के कटने की अधिक सम्भावना होती है ऐसे घावों के किनारे सीधे होते है ।
2. फटे हुए घाव - मशीनों के पुर्जो से कांच से पशुओ के पंजो से लगे हुए घाव इनके किनारे टेढ़े - मेढ़े होते है इस तरह के घाव कटे हुए घाव से कम खतरनाक होते है ।
3. कुचले हुए घाव - किसी गुठीले हथियार - (जैसे - लाठी, भारी पत्थर व्दारा) की चोट व्दारा कुचले हुए घाव ।
4. छिदे हुए घाव - जिनका मुँह छोटा हो परन्तु गहराई अधिक हो (जैसे चाकू सीधा घुसा देने से या गोली लगने से )।
घावों में छूत - घावों में हानिकारक कीटाणुओं का प्रवेश करना ही छूत कहलाता है। कीटाणु अत्यंत सूक्ष्म जीव होते है जो नंगी आँखों से नही देखे जा सकते।कीटाणु पानी, वायु, धुल, मिट्टी इत्यादि में होते है कीटाणु घाव में पीब पड़ जाता है। मरे हुए कीटाणु, मरे हुए श्वेत रक्ताणु और मरी हुई शरीर की कोशिकाओ का मिश्रण पीब कहलाता है ।
श्वेत रक्ताणुओ को कीटाणुओं के विरुद्ध सहायता करने के लिए घाव पर कीटाणुरोधक पदार्थ लगाए जाते है।
ड्रेसिंग - वह कपडा जो घाव को छूत से बचाने के लिए घाव पर रखा जाता है ड्रेसिंग कहलाता है ।
ड्रेसिंग में कपडे की जाली अथवा लिंट का प्रयोग करते है ड्रेसिंग कीटाणुरहित होना चाहिए। सुरक्षा के विचार से कीटाणुरहित ड्रेसिंग को किसी कीटाणुरहित रसायन के घोल में कुछ देर के लिए डुबा लेते है ।
ड्रेसिंग के लिए बिना लिखा सफेद कागज अथवा धुले तथा प्रैस किए हुए कपड़ो की अंदर की तह भी प्रयोग की जा सकती है ।
गद्दी - ड्रेसिंग के ऊपर रूई अथवा गर्म कपडे की गद्दी रख कर पट्टी बाँधी जाती है गद्दी रखने से ड्रेसिंग अपने स्थान से नही हटता और पट्टी कस जाती है आधिक मोटी गद्दी रख कर घाव पर रक्त स्त्राव बंद करने के लिए दबाव डाला जाता है ।
रक्त स्राव का सामान्य फर्स्ट ऐड -
1. घायल को सुविधाजनक स्थिति में लिटा दो ।
2. घायल भाग को ऊँचा उठाओ यदि हड्डी टूटी हो ओ ऊँचा नही उठाना चाहिए ।
3. यदि कोई धमनी या शिरा कट गई तो आवश्यक दबाव डालो और दबाव बनाए रखो ।
4. घाव के उपर से कपडे हटाओ घाव को साफ करो यदि कोई अन्य वस्तु (जैसे कांच) घाव में हो और आसानी से निकल सकती हो तो निकाल दो जमे हुए रक्त के थक्के मत छुडाओ।
5. घाव पर ड्रेसिंग रखकर ऊँची गद्दी रखो और कस क्र पट्टी बांध दो (सीधा दवाब) ।
6. धायल अंग को स्थिर स्थिर करो।
7.यदि संभव हो तो घायल अंग पर ठंडी पट्टी रखो ।
रक्त स्राव का विशेष फर्स्ट ऐड - शरीर में रक्त धमनियों शिराओ और कोशिकाओ में बहता है अत: इनमे एक अथवा अधिक वहिनियो के कट जाने से रक्त स्त्राव होता है ।
धमनियों से रक्त स्त्राव के लक्षण -
1. रक्त का रंग चमकदार लाल होता है ।
2. रक्त हृदय की गति के साथ- साथ फुहार के रूप में झटके के साथ निकलता है ।
3. रक्त घाव के हृदय की ओर वाले किनारे से निकलता है ।
धमनियों से रक्त स्राव का फर्स्ट ऐड - अंगूठो की सहायता से सम्बंधित दबाव स्थानों पर दबाव डालो अथवा संबंधितदबाव स्थान पर सिकुड़नी पट्टी बांध कर दबाव डालो धमनी कटने पर कुटिल दबाव घाव से हृदय की ओर के निकट वाले दवाब स्थान पर डाला है ।
दबाव स्थान - वह स्थान जहां धमनी किसी हड्डी के ऊपर अथवा कठोर मांस पेशी सो गुजरती है, दबाव स्थान कहलाता है क्योकि इसी स्थान पर दबाने से धमनी का रक्त प्रवाह बंद किया जा सकता है ।