किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो। अतः प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित व्यक्तिओं द्वारा कम से कम साधनों में किया गया सरल उपचार है। कभी-कभी यह जीवन रक्षक भी सिद्ध होता है।
प्राथमिक चिकित्सा विद्या प्रयोगात्मक चिकित्सा के मूल सिद्धांतों पर निर्भर है। इसका ज्ञान शिक्षित पुरुषों को इस योग्य बनाता है कि वे आकस्मिक दुर्घटनाया बीमारी के अवसर पर, चिकित्सक के आने तक या रोगी को सुरक्षित स्थान पर ले जाने तक, उसके जीवन को बचाने, रोगनिवृत्ति में सहायक होने, या घाव की दशा और अधिक निकृष्ट होने से रोकने में उपयुक्त सहायता कर सकें।
मनुष्य का जीवन अति मूल्यवान और महत्वपूर्ण है आज का युग अति तेज एवं गति पूर्ण है चारो तरफ सभी को शीध्रता एवं उत्तेजना के साथ कार्य करने की आदत पड़ गयी है जनसंख्या के तेजी से बढ़ने के कारण चारो तरफ सडको, बसों, रेलों, स्कूलों में भीड़ सी दिखाई पड़ती है आवागमन के साधन बेहिसाब बढ़ रहे है, और वाहनों की गति भी अत्यधिक होने के कारण रोज ही अखबारों में किसी ना किसी दुर्घटना के होने के समाचार अवश्य पढने को मिलते है अधिकांश मनुष्य समय पर प्राथमिक सहायता न मिलने कारण काल के मुंह में समा जाते है ।
राजनीतिक उथल - पुथल पूरे संसार में हो रही है कोई भी देश किसी भी देश पर आक्रमण करके वहां के निर्दोष नागरिको को मर डालता है आतंकवाद भी इसका एक हिस्सा है जसके कारण कई निर्दोष मनुष्य उनकी हिंसा के शिकार हो जाते है इसके अलावा बाढ़ और सुनामी भी मानव जीवन के लिए जानलेवा हो जाती है ।
उपरोक्त सभी बातो से कई लोग प्रभावित होते है परन्तु इनमे से कई जाने बचायी जा सकती है अगर इनको समय पर प्राथमिक सहायता उपलब्ध हो जाए ।
फर्स्ट एड का मतलब है प्राथमिक सहायता वह सहायता जो किसी आकस्मिक दुर्घटना के समय पीड़ित या रोगी के जीवन रक्षा के लिए शीघ्र और सही सहायता डॉक्टर के पास या अस्पताल पहुँचने के बीच की जाती है ।
आम इंसान किसी की जान तभी बचा सकता है जब उसको प्राथमिक सहायता देने का ज्ञान हो आप भी किसी की जान अवश्य बचा सकते है यदि आप इसकी जानकारी रखेगे जब भी कोई दुर्घटना होती है तो पीडित मनुष्य के जीवन को खतरा हो जाता है और पहले साठ मिनट (जिसे Golden Time भी कहते है ) जीवन की रक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते है किसी के जीवन की रक्षा के लिए अगर आप कुछ करते है तो इससे नेक कार्य दुनिया में और कोई नही हो सकता है हर रोज हमारे देश में करीब 1000 (एक हजार ) लोग अलग - अलग तरह की दुर्घटना के शिकार हो कर मौत के मुंह में चले जाते है इनमे से करीब पचास प्रतिशत लोगो की जान बचायी जा सकती है अगर उन्हें पहले घंटे में ही प्राथमिक सहायता उपलब्ध हो जाये।