योनिशोथ (Vaginitis)
यह एक प्रकार की सूजन है जो खुजली, गंध, डिस्चार्ज और दर्द का कारण बन सकती है।
योनि की सूजन जिससे उसमें से स्राव, खुजली और दर्द हो सकता है.
आमतौर पर योनी में सूजन, योनि के जीवाणुओं के सामान्य स्तर के गड़बड़ाने, किसी संक्रमण या रजोनिवृत्ति (माहवारी बंद होने) के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में कमी के कारण होती है.
इसका लक्षण योनि से असामान्य स्राव, खुजली या जलन, मूत्रत्याग के दौरान दर्द और संभोग के दौरान दर्द शामिल हैं, इसके अलावा
योनि से असामान्य रिसाव, योनि में दुर्गंध, योनि से खून का बहना, योनि की त्वचा का लाल हो जाना आदि आम है:
सामान्यतः योनिशोथ (Vaginitis) योनि में फंगल संक्रमण, यीस्ट के कारण होता है और इसे योनि थ्रश (वैजाइनल थ्रश) के रूप में जाना जाता है। इसके आलावा इसका कारण प्रोटोजोआ पैरासाइट ट्राइकोमोनास वेजिनेलिस हो सकता है, यह सिंगल-सेल वाले प्रोटोजोआ पैरासाइट द्वारा यौन संचारित होता है जिसे प्रोटोजोआ पैरासाइट ट्राइकोमोनास वेजिनेलिस के रूप में जाना जाता है। यह यूरेथ्रा सहित यूरोजेनिटल ट्रैक्ट को संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा इसका कारण एट्रोफिक वैजाइनिटिस हो सकता है.
इसमें रजोनिवृत्ति के समय शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में कमी के कारण योनि की परत पतली हो जाती है। इससे जलन और सूजन भी होती है।
इसके कई कारण हो सकते हैं। टैम्पोन, साबुन और लुब्रिकेंट इसका कारण बन सकते हैं।
संक्रामक योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) का इलाज में सफाई महत्वपूर्ण है, इसके आलावा एंटीबायोटिक और एंटी फंगल दवाओं का उपयोग डाक्टर के सलाह से किया जाना चाहिए ,
खुशबू वाले उत्पादों का उपयोग कम किया जाना चाहिए और एंटी फंगल या नैचुरल साबुन से योनि को धीरे धीरे धोना चाहिए ।
लड़कियों के शरीर की बनावट ही ऐसी हुई है कि उन्हें पुरुषों के मुकाबले अधिक शारीरिक समस्याओं का जोखिम होता है। लेकिन किसी भी समस्या को छिपाने के बजाय उस पर बात करनी चाहिए और आराम पाने के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।