नम्रता की बेटी 7 साल की हो गई थी. पर हर रात सोते समय वो बिस्तर गीला कर देती. रोज़ सुबह नम्रता उसे समझाती. कभी-कभी खीज जाती तो डांटती. पर अगले रात फिर वही ढाक के तीन पात. उसने रात में अपनी बेटी को जगाना शुरू कर दिया. वो उसे नींद से उठाती. टॉयलेट ले जाती. पेशाब कराती, फिर सुला देती. इस ट्रिक ने काम किया. बच्ची ने रात में बिस्तर पर पेशाब करना छोड़ दिया. पर एक दिन वो अपनी बेटी को डॉक्टर के पास लेकर गई. डॉक्टर ने नम्रता को बताया कि वो ऐसा करना छोड़ दे. बच्चों को नींद से जगाकर पेशाब नहीं करवाना चाहिए. थोड़ी देर बाद बच्ची का चेकअप हुआ. पता चला उसे कब्ज़ रहता है.
दरसल कब्ज़ की वजह से कई बच्चे सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं. क्योंकि उस समय ब्लैडर पर काफ़ी ज़ोर पड़ता है. कुछ समय बच्ची की दवाइयां चलीं. कब्ज़ ठीक होने के बाद, उसने बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर दिया.
अक्सर मां-बाप बच्चों की इस आदत से छुटकारा पाने के लिए कई ट्रिक्स अपनाते हैं. जैसे बिस्तर के बगल में बाल्टी रख देना. उसे बीच-बीच में जगा-जगाकर पेशाब कर देना. कुछ तो धमकी भी देते हैं. डराते हैं. डॉक्टरों की माने तो ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए.
पांच साल की उम्र के बाद ज़्यादातर बच्चे नींद में बिस्तर गीला करना छोड़ देते हैं. 15% बच्चे 10 साल तक बिस्तर गीला करते हैं. पर उसके बाद 95% बच्चे ऐसा करना छोड़ देते हैं.
कई तरीके हैं जिससे आप अपने बच्चों को सोते वक़्त पेशाब करने से रोक सकते हैं. पर उससे पहले कुछ वजहों पर तवज्जो देना ज़रूरी है. हमनें डॉक्टर धात्री दुबे से बात की. वो मैक्स हॉस्पिटल मुंबई में बच्चों की डॉक्टर हैं. उन्होंने हमें पांच आम वजहें बताईं:
-कुछ बच्चों को अपने ब्लैडर पर कंट्रोल पाने में समय लगता है. 10 साल का होने के बाद भी वो नींद में पेशाब करना नहीं छोड़ते.
-जींस भी एक बड़ी वजह है. अगर किसी बच्चे के नज़दीकी परिवार में कोई ऐसा रहा है जिसने लंबे समय तक बिस्तर गीला किया हो तो चांसेज हैं कि उस बच्चे को ये आदत छोड़ने में समय लगे.
-क्या आपका बच्चा सही नींद ले पा रहा है? अगर उसकी नींद किसी वजह से डिस्टर्ब होती है जैसे खर्राटे, टीवी, या पालतू जानवर, वो बिस्तर गीला करते हैं. साथ ही जो बच्चे बहुत गहरी नींद में सोते हैं, वो भी बिस्तर गीला करते हैं.
-बड़ों की तरह बच्चों को भी स्ट्रेस होता है. उनकी स्ट्रेस की वजहें काफ़ी अलग हो सकती हैं. जैसे स्कूल में दिक्कत, कोई डर, नई जगह मूव करना, भाई-बहन का जन्म वगेरह. पर स्ट्रेस की वजह से बच्चे अक्सर बिस्तर गीला कर देते हैं.
-आखिरी और सबसे ज़रूरी बात. हेल्थ प्रॉब्लम्स. जैसे कब्ज़ या पेशाब का इन्फेक्शन होना. कुछ बच्चों का ब्लैडर भी बहुत छोटा होता है. और कुछ बच्चों में पेशाब ज़्यादा बनता है. इन सभी वजहों से वो उम्र निकलने के बाद भी बिस्तर गीला कर देते हैं.
अब ये तो हुईं वजहें. पर हर प्रॉब्लम की तरह इसका भी सलूशन है. कुछ तरीके हैं जिससे आप अपने बच्चों को बिस्तर गीला करने से रोक सकते हैं.
सोने से ठीक पहले फ्लूइड कम पिलाइए
डॉक्टर धात्री दुबे कहती हैं कि सोने से पहले बच्चों को पानी, जूस, दूध वगैरह मत पीने दीजिए. साथ ही सोने से पहले उनको पेशाब ज़रूर करवाएं.
उनका पेशाब करने का एक शेड्यूल बनाइए
एक चार्ट बनाइए. उसमें अपने बच्चे का पेशाब करने का टाइम नोट करिए. उन्हें हर दो-तीन घंटे में पेशाब करवाइए.
कुछ खाने-पीने की चीज़ों पर पाबंदी लगाइए
कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जो ब्लैडर को इरिटेट करती हैं. इनको खा या पीकर बच्चा बार-बार पेशाब करता है. जैसे कैफ़ीन. ये चॉकलेट या चॉकलेट मिल्क में होता है. साथ ही नींबू या संतरे का जूस, आर्टिफिशियल शुगर, आर्टिफिशियल फ्लेवरिंग वगैरह मत दीजिए.
ज़्यादा देर प्यासा न रहने दीजिए
अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उसे हिदायत दीजिए कि वो थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिए. ताकि स्कूल के बाद उसे बहुत प्यास न लगे. लंबे समय तक प्यासा रहने के बाद अगर बच्चा एकदम से ज़्यादा पानी पिएगा तो उसे पेशाब भी ज़्यादा आएगा.
डॉक्टर को दिखाइए
अगर सब कुछ ट्राई करने के बाद बच्चा पेशाब करना नहीं छोड़ता तो इस बात को हलके में मत लिए. डॉक्टर को ज़रूर दिखाइए. कई दवाइयां हैं जो आपके बच्चे के काम आ सकती हैं.
पर अगर अगली बार आपका बच्चा बिस्तर गीला करे तो उसे डांटिए मत. न ही मारिए.
Source – Odd Nari