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नाक पर बार-बार तेल क्यों आता है? जानिए मुख्य कारण और घरेलू समाधान


नाक पर अत्यधिक तेल आना एक आम स्किन समस्या है, जिसका मुख्य कारण त्वचा की तेल ग्रंथियों द्वारा ज़रूरत से ज़्यादा सीबम (तेल) का उत्पादन होता है। यह न केवल चेहरे को चिपचिपा बनाता है, बल्कि पोर्स ब्लॉक होने से पिंपल्स जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। आइए विस्तार से समझते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय:

🔍 नाक पर तेल आने के प्रमुख कारण

1. अत्यधिक सीबम उत्पादन

नाक पर मौजूद सेबेसियस ग्लैंड्स अधिक सक्रिय होती हैं। ये ग्रंथियां त्वचा को नम बनाए रखने के लिए तेल (सीबम) बनाती हैं, लेकिन जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो त्वचा ऑयली हो जाती है।

2. बड़े पोर्स

नाक के पोर्स आमतौर पर चेहरे के अन्य हिस्सों से बड़े होते हैं, जिससे इनमे अधिक तेल जमा हो सकता है।

3. तनाव और चिंता

तनाव से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे सीबम का स्तर बढ़ सकता है और नाक अधिक तैलीय हो जाती है।

4. हार्मोनल बदलाव

पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज जैसे हार्मोनल बदलावों से तेल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।

5. गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स

ज़रूरत से ज़्यादा स्किन को धोना या गलत क्लेंज़र का इस्तेमाल त्वचा को शुष्क बनाता है, जिससे शरीर और अधिक तेल बनाना शुरू कर देता है।

6. कैफीन का अधिक सेवन

कैफीन शरीर के हार्मोन को प्रभावित कर सकता है, जिससे सीबम का स्तर बढ़ सकता है।

7. आनुवंशिक कारण

कुछ लोगों की त्वचा स्वाभाविक रूप से ऑयली होती है, जो जेनेटिक्स पर निर्भर करता है।

8. पर्यावरणीय प्रभाव

ठंडी या शुष्क हवा त्वचा की नमी छीन लेती है, जिससे त्वचा खुद को हाइड्रेट करने के लिए अधिक तेल बनाती है।

🛡️ नाक पर अत्यधिक तेल से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

1. संतुलित स्किन केयर रूटीन अपनाएं

दिन में दो बार हल्के फेसवॉश से चेहरा धोएं और ऑयल-फ्री मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें।

2. नियमित एक्सफोलिएशन करें

हफ्ते में 1-2 बार स्क्रब करने से डेड स्किन हटती है और पोर्स साफ रहते हैं।

3. हाइड्रेशन बनाए रखें

ऑयली स्किन भी मॉइस्चराइज़र चाहती है। सही हाइड्रेशन से त्वचा का तेल उत्पादन संतुलित रहता है।

4. तनाव कम करने की कोशिश करें

योग, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद से हार्मोन बैलेंस में रहता है।

5. स्वस्थ खानपान अपनाएं

ताजे फल-सब्जियां खाएं, प्रोसेस्ड फूड और कैफीन से दूरी बनाएं।

6. पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय अपनाएं

स्किन को प्रदूषण और मौसम के असर से बचाने के लिए सनस्क्रीन और ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें।





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⚠️ कब डॉक्टर से संपर्क करें?




यदि नाक पर अत्यधिक तेल की वजह से पिंपल्स, जलन या अन्य त्वचा समस्याएं बढ़ रही हैं, तो त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

जाने महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में खुजली के कारण एवं उपचार



प्राइवेट पार्ट में खुजली के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण ये हैं

यीस्ट या खमीर संक्रमण :

इसके वजह से वजाइना के आस-पास कॉटेज चीज़ जैसा डिस्चार्ज, लालिमा, और खुजली होती है. खमीर या यीस्ट संक्रमण, एक तरह का संक्रमण है जो कैंडिडा एल्बिकेंस नाम के यीस्ट की वजह से होता है. यह संक्रमण आमतौर पर शरीर के गर्म और नम हिस्सों में होता है, जैसे कि प्राइवेट पार्ट के मुंह और त्वचा के नम क्षेत्र में होने वाले यीस्ट संक्रमण को वुल्वोवैजिनल कैंडिडिआसिस कहते हैं.

बैक्टीरियल वेजिनोसिस: इसमें प्राइवेट पार्ट के बैक्टीरिया में असंतुलन की वजह से खुजली और असामान्य स्राव हो सकता है.

यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) जिसमें ट्राइकोमोनिएसिस या जननांग दाद जैसी कुछ एसटीआई योनि में खुजली के रूप में प्रकट हो सकते हैं.

एक्ज़िमा और सोरायसिस जैसी त्वचा के रोग की स्थिति प्राइवेट पार्ट क्षेत्र में लालिमा और खुजली पैदा कर सकती है.

रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से भी योनि का सूखापन और खुजली हो सकती है.

योनि में योनिशोथ या वैजिनाइटिस होने वाली सूजन या संक्रमण की स्थिति में महिलाओं को योनि में खुजलीदर्दऔर जलन हो सकती है।

 

इसके अलावाखुजली के ये कुछ और भी कारण हो सकते हैं:

•       साबुनडिटर्जेंटया सिंथेटिक कपड़ों से भी खुजली और जलन हो सकती है।

•       योनि पर खुशबु वाले स्प्रे या परफ़्यूम लगाना से भी खुजली और जलन हो सकती है।

•       गंदे टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल से भी खुजली और जलन हो सकती है।

•       गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन से भी खुजली और जलन हो सकती है।

 

प्राइवेट पार्ट में खुजली के उपचार

  • यीस्ट संक्रमण से राहत पाने के लिएप्रिस्क्रिप्शन या ओवर-द-काउंटर एंटीफ़ंगल क्रीम या सपोसिटरी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • बैक्टीरियल वेजिनोसिस जैसे जीवाणु संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स  का उपयोग किया जा सकता हैं.
  • गंभीर खुजली के लिएकॉर्टिकोस्टेरॉयड क्रीम से राहत मिल सकती है.
  • प्राइवेट पार्ट की स्वच्छता बनाए रखना अति आवश्यक है। हल्केखुशबू रहित साबुन से हल्की सफ़ाई करें और हल्का और सॉफ्ट सूती अंडरवियर पहनें.
  • सुगंधित उत्पादोंडूशऔर कठोर रसायनों से दूर रहें.
  • डिटर्जेंट बदलना और अंडरवियर को ज़्यादा बार बदलना भी मदद कर सकता है.

खुजली के लिए कुछ घरेलू उपचार भी अपनाए जा सकते हैंजैसे कि:

  •  यीस्ट संक्रमण के लिए प्रभावित जगह पर  दही और शहद का मिश्रण एक प्रभावी उपाय है.
  •  बेकिंग सोडा का इस्तेमाल नहाने के पानी में मिलाकर या पेस्ट के रूप में किया जा सकता है. यह सूखी त्वचा से होने वाली खुजली से राहत दिलाता है.
  • कोलाइडल ओटमील को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस या एक्जिमा से होने वाली खुजली में आराम मिलता है.
  • नीम के तेल या पत्ते  के पेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है. नीम एक सक्रिय परजीवी विकर्षक  (parasite repellent) है।
  • मुल्तानी मिट्टी का पेस्ट सूखी त्वचा से होने वाली खुजली से राहत दिलाता है.

अगर खुजली लगातार बनी रहती है या अन्य लक्षण (जैसे दर्दजलन या असामान्य डिस्चार्ज) हैंतो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 


Source - Information Center


10 Things That Tingling Hands and Feet Can Tell About Your Health

Tingling sensations in your hands and feet, known medically as "paresthesia," can sometimes be a temporary and harmless experience. However, if it becomes frequent or chronic, it could indicate various health conditions. Here are 10 possible explanations for persistent tingling in your hands and feet:

1. Nerve Compression

  • Sitting or sleeping in the wrong position, especially with crossed legs or leaning on your arm, can compress nerves and reduce blood flow, causing temporary tingling. Persistent tingling, however, might indicate an underlying issue like carpal tunnel syndrome (affecting the hands) or a pinched nerve in the back.

2. Diabetes (Diabetic Neuropathy)

  • High blood sugar levels from diabetes can damage nerves over time, particularly in the feet, resulting in a condition called diabetic neuropathy. Tingling in the hands and feet is often an early warning sign.

गर्भ से बचने के कई तरीके हैं, पर आपके लिए कौन सा बेस्ट है?

आपने अखबारों और टीवी चैनलों पर अक्सर एक विज्ञापन यानी प्रचार देखा होगा. जिसका मकसद आपको फैमिली प्लानिंग मतलब परिवार नियोजन के लिए जागरूक करना होता है. अब क्या है कि देश की बढ़ती जनसंख्या पर थोड़ा नियंत्रण लाने के लिए भारत सरकार फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम 60 साल से चला रही है. खैर, आपके लिए मुद्दे की बात ये है कि आप कब तक प्रेगनेंट नहीं होना चाहती, कब मां बनना चाहती हैं. ये सब आपके हाथ में है. इसके लिए कई उपाय मौजूद हैं, जैसे नसबंदी, कॉन्डम का इस्तेमाल, आईयूसीडी, गर्भनिरोधक इंजेक्शन, गोलियां और इमरजेंसी गर्भ निरोधक गोलियां.

Ladies Health - ब्रेस्ट में दर्द की पांच वजहें

ब्रेस्ट में दर्द होना एक आम दिक्कत है. क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? अव्वल तो सबके मन में कैंसर का ही ख़याल आता है. पर ब्रेस्ट में दर्द के लिए सिर्फ कैंसर ही ज़िम्मेदार नहीं होता. 

आमतौर पर ब्रेस्ट में दर्द की पांच वजहें होती हैं - स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं.

अब सिर्फ एक बैन्डेज लगाने से होगा बर्थ कंट्रोल (ना कॉन्डोम और ना गोली)



ज्यादातर महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं. अनचाहे गर्भ से बचने के लिए ये गोलियां लेना सबसे आसान उपाय है. पर एक तरफ जहां इन गोलियों के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं वहीं इन्हें खाना याद रखना भी एक बड़ा काम बन जाता है.

अगर आपको गलती से दवा खाना नहीं याद रहा तो इससे अनचाहा गर्भ हो सकता है, जिससे आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. पर महिलाओं को अब इन समस्याओं से जल्द ही निजात मिल सकेगी. वैज्ञानिकों ने गर्भनिरोधक गोलियों का एक अच्छा विकल्प निकाला है.

पीरियड के बिना भी प्राइवेट पार्ट से खून क्यों आता है?



पीरियड्स होने वाले थे. पेट में दर्द शुरू हो गया था. मूड खराब रहने लगा था. पर जब भी वो चेक करती तो उसे सिर्फ ब्लड स्पॉटिंग दिखती. पीरियड के दौरान आम तौर पर जितनी ब्लीडिंग होती है, उतनी स्पॉटिंग में नहीं होती. पर इसका मतलब ये नहीं कि तीन दिन के अंदर स्पॉटिंग खत्म हो जाती है. ये हफ्ता से लेकर महीने तक चलती है. जब डॉक्टर के पास गई तो पता चला यह हॉर्मोन्स की उथल-पुथल की वजह से हो रहा था.
वैसे, औरतों के शरीर में होने वाले बदलावों के पीछे ज़्यादातर हॉर्मोन्स ही ज़िम्मेदार होते हैं. पर स्पॉटिंग के पीछे बस यही एक वजह नहीं है. और भी कारण हैं. जैसे:

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