GHAR KA VAIDYA: घर के बैद्य - घरेलू नुस्के और सुखी वैवाहिक जीवन

GHAR KA VAIDYA: घर के बैद्य - घरेलू नुस्के और सुखी वैवाहिक जीवन:



सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सेक्स लाइफ का हेल्दी होना बहुत ज़रूरी है. यदि किन्हीं कारणों से आपकी सेक्सुअल लाइफ में पहले जैसी गर्माहट नहीं रह गई, तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. किचन में मौजूद आसानी से उपलब्ध खाद्य पदार्थोंं की मदद से आप अपनी बेजान सेक्स लाइफ में नई ऊर्जा का संचार कर सकते हैं.

  • आंवला में पर्याप्त मात्रा में आयरन, ज़िंक और विटामिन सी पाया जाता है, जो न स़िर्फ सेहत के लिए फ़ायदेमंद होता है, बल्कि कामोत्तेजना बढ़ाने में भी मदद करता है. दो टेबलस्पून आंवले के रस में एक टीस्पून सूखे आंवले का पाउडर व एक टेबलस्पून शुद्ध शहद मिलाकर दिन में दो बार खाएं. इस नुस्ख़े केइस्तेमाल से आपका और आपके पार्टनर दोनों का सेक्स पावर धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा.

अगर आपके नाखूनों की परत निकलने लगी है तो आप थोड़ा सतर्क हो जाएं

अगर आपके नाखूनों की परत निकलने लगी है तो आप थोड़ा सतर्क हो जाएं

हम अपनी स्किन और बालों का तो बहुत ध्यान रखते हैं. पर बात जब नाख़ुनओं की आती है तो हम उन्हें अवॉइड ही कर देते हैं. ज़्यादा से ज़्यादा काट लिया बस. उनकी सेहत की हमें कोई ख़ासी परवाह नहीं होती. पर भगवान ने हमें नाख़ून सिर्फ़ खुजाने के लिए नहीं दिए हैं. ये हमारी सेहत से जुड़े कई राज़ भी खोलते हैं. इसलिए अगर उनकी परत निकलने लगे तो इनपर थोड़ा ध्यान देना ज़रूरी है.
पर नाख़ून की परतें निकलने क्यों लगती हैं? ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर निधि गोयल से. वो काया स्किन क्लिनिक मुंबई में डॉक्टर हैं.
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तो क्यों होता है ऐसा

डॉक्टर गोयल कहती हैं:
“ये एक तरह की कंडिशन होती है. इसे अनीकोसीज़िया (Onychoschizia) कहते हैं. इसमें नाख़ून की परतें कोनों से अलग हो जाती हैं. फिर धीरे-धीरे निकल जाती हैं.”


ऐसा क्यों होता है
इसके पीछे कुछ वजहें हो सकती हैं:
-आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक नहीं है
-सूरज की यूवी रेज़ यानी अल्ट्रावॉयलेट किरणों का असर
-जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हमारे नाखूनों की ग्रोथ का रेट और उनका आकार बदल जाता है.
-ये थाईरॉइड की कमी की वजह से भी हो सकता है. हाइपोथायरायडिज्म एक तरह की कंडिशन होती है जिसमें थाईरॉइड ग्लैंड ज़्यादा एक्टिव नहीं होता. मतलब जिस रेट से उसे हॉर्मोन बनाने चाहिए, उतना वो नहीं बनाता.
-एनीमिया
-नेल पॉलिश. जिन नेल पॉलिश में एसेटोन नाम का एसिड होता है वो बिलकुल अवॉयड करिए. इनसे नाख़ून एकदम ड्राई हो जाते हैं, उनकी परत निकलने लगती है.
इससे कैसे निपटें
-नाख़ून को फ़ाइल करते समय उनकी ऊपरी परत को ज़्यादा मत रगड़िये. इससे आपके नाख़ून चमक तो जाएंगे पर उतने ही कमज़ोर भी हो जाएंगे.
-अपनी नेल पॉलिश को ज़्यादा समय तक लगा मत छोड़िए
-सोने से पहले नेल क्रीम या तेल नाख़ून पर लगा लीजिए
-थाईरॉइड का टेस्ट करवाइए
Source - Odd Nari

पीरियड के बिना भी प्राइवेट पार्ट से खून क्यों आता है?



पीरियड्स होने वाले थे. पेट में दर्द शुरू हो गया था. मूड खराब रहने लगा था. पर जब भी वो चेक करती तो उसे सिर्फ ब्लड स्पॉटिंग दिखती. पीरियड के दौरान आम तौर पर जितनी ब्लीडिंग होती है, उतनी स्पॉटिंग में नहीं होती. पर इसका मतलब ये नहीं कि तीन दिन के अंदर स्पॉटिंग खत्म हो जाती है. ये हफ्ता से लेकर महीने तक चलती है. जब डॉक्टर के पास गई तो पता चला यह हॉर्मोन्स की उथल-पुथल की वजह से हो रहा था.
वैसे, औरतों के शरीर में होने वाले बदलावों के पीछे ज़्यादातर हॉर्मोन्स ही ज़िम्मेदार होते हैं. पर स्पॉटिंग के पीछे बस यही एक वजह नहीं है. और भी कारण हैं. जैसे:

गर्भाशय में गांठ या फाइब्राएड से ऐसे बचें, पढ़ें कारण और इलाज

गर्भाशय में गांठ या फाइब्राएड से ऐसे बचें, पढ़ें कारण और इलाज

गर्भाशय में गांठ या फाइब्राएड विकसित होना महिलाओं की बड़ी समस्या है। इसे गर्भाशय की रसौली या बच्चेदानी की गांठ भी कहते हैं। यह मटर के दाने से लेकर सेब जितनी भी बड़ी हो सकती है। यह बांझपन का बड़ा कारण है।
लक्षण ’ यौन संबंध बनाते समय दर्द होना। ’ मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव। ’ यौन संबंध के दौरान रक्तस्राव। ’ मासिक धर्म के बाद रक्तस्राव। ’ कमर के निचले हिस्से में तेज दर्द।
कारण ’ मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्राव बढ़ जाता है, जिससे फाइब्राएड की आशंका रहती है। कई बार गर्भधारण के बाद भी फाइब्राएड बन जाता है। ’ धूम्रपान और शराब का सेवन। ’ मांसाहार से भी महिलाओं में फाइब्राएड की समस्या पैदा हो सकती है। ’ गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल। ’ आनुवंशिक कारणों से भी बच्चेदानी की रसौली हो सकती है।
संभव है इलाज गर्भाशय की रसौली का इलाज आसान है। आजकल ओपन सर्जरी के बजाय लेप्रोस्कोपी की तकनीक से इसका आसानी से इलाज किया जा रहा है। इस तकनीक से महिला एक दिन बाद ही हॉस्पिटल से छुट्टी ले सकती है। इस समस्या का होम्योपैथी में भी आसान समाधान है। लक्षणों के हिसाब से कल्केरिया कार्ब, सीपिया, सैबाइना, लिलियम टिग, कल्केरिया फ्लोर, आस्टिलेगो, म्यूरेक्स, साइलीशिया, सोरिनम, सल्फर आदि दवाएं बीमारी को जड़ से समाप्त कर सकती हैं। दवा डॉक्टर की सलाह से ही ली जानी चाहिए।
बच्चों को ब्रेन ट्यूमर से बचाएं वर्तमान जीवनशैली में वयस्कों की तुलना में बच्चों में ब्रेन ट्यूमर के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं। यह दिमाग में विकसित होता है, इसलिए समस्या बढ़ जाने पर इलाज करना मुश्किल हो जाता है। शुरुआती दौर में इलाज न कराया जाए, तो ज्यादातर मामलों में यह जानलेवा साबित होता है। 3 से 15 साल की उम्र में या 50 की उम्र के बाद ब्रेन ट्यूमर ज्यादा देखा गया है। लक्षण ’ सुबह के समय तेज सिरदर्द। ’ हाथों और पैरों में कमजोरी महसूस होना। ’ शरीर का संतुलन बनाने में परेशानी। इलाज वर्तमान में जांच और इलाज के अत्याधुनिक तरीकों के चलते ब्रेन ट्यूमर को हटाना और रोगी के जीवनकाल को बढ़ाना संभव बन गया है। ट्यूमर हटाने के लिए जीपीएस जैसी न्यूरोनेविगेशन तकनीक का उपयोग सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इनके अलावा और भी अनेक उपाय हैं।
Source - Hindustan Times

रात के समय महसूस होता है ऐसा, तो हो सकता है कैंसर खतरा

रात के समय महसूस होता है ऐसा, तो हो सकता है कैंसर खतरा

कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जिसका नाम सुनकर ही लोग सहम जाते हैं. अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते दुनियाभर के लोग तेजी से इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. शुरुआत में अगर इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है.
नेशनल हेल्थ सर्विस की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 लोगों में कम से कम एक व्यक्ति को उनके जीवन में एक बार कैंसर होने का खतरा बना रहता है. रिपोर्ट के मुताबिक, U.K में ब्रेस्ट कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और पेट का कैंसर सबसे आम हैं.

कैंसर 200 से अधिक प्रकार के होते हैं, जिनके लक्षण भी एक दूसरे से काफी अलग होते हैं. हालांकि, कई बार कैंसर के लक्षण शुरुआती समय में सामने नहीं आते हैं. लेकिन कई लक्षण ऐसे होते हैं, जिनकी जानकारी न होने की वजह से लोग उसे पहचान नहीं पाते हैं.
U.K की कैंसर रिसर्च के मुताबिक, रात के समय अगर बहुत ज्यादा पसीना आता है तो ये कैंसर का लक्षण हो सकता है. हालांकि, कम ही लोगों में ये लक्षण दिखाई देता है.

कैंसर रिसर्च के मुताबिक, इंफेक्शन या किसी दवाई के साइड इफेक्ट की वजह से भी अक्सर रात के समय अधिक पसीना आ सकता है. महिलाओं में कई बार मेनोपॉज के बाद पसीना आने की समस्या बढ़ जाती है.
लेकिन अगर अक्सर ही आपको रात के समय बहुत ज्यादा पसीना आता है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये कैंसर का एक संकेत हो सकता है.

कैंसर रिसर्च ने सलाह देते हुए कहा कि जिन लोगों को ये समस्या है वो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
कैंसर चैरिटी के मुताबिक, रात में अधिक पसीना आने का संबंध नॉन-होजकिंग और होजकिंग लिम्फोमा, कार्सिनॉयड, ल्यूकेमिया, मेसोथेलियोमा, हड्डियों का कैंसर और लिवर कैंसर से होता है.
बता दें, नॉन-होजकिन और होजकिंग लिम्फोमा कैंसर व्यक्ति के लिम्फेटिक सिस्टम में बनता है. गर्दन, बांह में सूजन भी इन दो कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.
कार्सिनॉयड कैंसर धीरे-धीरे शरीर के किसी भी हिस्से में फैल जाता है. शरीर के जिस हिस्से में ये कैंसर होता है, इसके लक्षण भी उसी पर निर्भर करते हैं.

ल्यूकेमिया कैंसर- इस कैंसर में सफेद रक्त कोशिकाएं प्रभावित होती हैं. इस कैंसर में स्किन पीली पड़ जाती है. थकान महसूस होती है. सांस लेने में परेशानी होती है. समय-समय पर बुखार आने लगता है. वजन घटने लगता है. हड्डियों और जोड़ों में दर्द होता है.

आपको अगर अपनी सेहत और शरीर में कोई भी बदलाव दिखाई देते हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
Source - Aaj Tak

सर्दियों में हीटर के सामने बैठना हो सकता है खतरनाक, रहें सावधान

सर्दियों में हीटर के सामने बैठना हो सकता है खतरनाक, रहें सावधान

सर्दी का कहर जारी है. सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए लोग अक्सर रूम हीटर का सहारा लेते हैं. सर्दियों में सर्द हवाओं के बीच हीटर के आगे बैठने का एहसास ही लोगों के मन को खुश कर देता है. हम से अधिकतर लोग तो हीटर जलाकर ही सोते हैं. अगर आप भी सर्दी से बचने के लिए अपने घरों में हीटर जलाते हैं तो ये खबर आपको निराश कर सकती है आइए जानते हैं क्यों...
रूम हीटर से सेहत को होते हैं ये नुकसान-
1. आप जब घर के अंदर हीटर जलाते हैं, तो इससे निकलने वाली हवा आपके आस-पास के पर्यावरण से मॉइस्चर को खत्म कर देती है. हवा ड्राई होने के कारण इससे स्किन में खिंचाव और एलर्जी होने का खतरा अधिक रहता है.
2. बच्चों की स्किन बहुत ज्यादा कोमल होती है. हीटर से निकलने वाली ड्राई एयर बच्चों की नाजुक स्किन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती है. कई बार इससे बच्चों को जलने का खतरा भी रहता है.
3. सभी जानते हैं कि रूम हीटर हवा से मॉइस्चर को खत्म कर देता है, जिससे हवा ड्राई हो जाती है. इससे सांस संबंधी मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. इसलिए जिन लोगों को अस्थमा या स्किन संबंधी कोई भी बीमारी हो, वे हीटर के इस्तेमाल से बचने की कोशिश करें.
4. हीटर के आगे बैठने के बाद रूम से बाहर निकलने पर शरीर के तापमान में तेजी से बदलाव होने लगते हैं. ये बदलाव व्यक्ति को कई बीमारियों का शिकार बना सकते हैं.
5. लंबे समय तक हीटर के सामने बैठे रहने से शरीर को जलने का भी खतरा रहता है. स्किन संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं.
Source - Aaj Tak

अलसी का काढ़ा पीना है बहुत सेहतमंद, जानिए कैसे


सेहतमंद रहने के लिए अच्छा और संतुलित खान-पान बहुत जरूरी है. अच्छा खान-पान यानी दाल, सब्जी, फ्रूट्स, बीज आदि सभी चीजों को खाने में शामिल करना चाहिए. ऐसे ही बीजों में से एक है अलसी के बीज. अलसी में भरपूर मात्रा में विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड आदि शामिल होता है. आइए जानते हैं क्या है अलसी का काढ़ा बनाने का तरीका और इसे पीने के फायदे.

दर्द से यूं पाएं छुटकारा


दर्द से यूं पाएं छुटकारा

सेंक के लिए सादा गर्म पानी, नमक, कपूर या तारपीन के तेल मिले गर्म पानी से स्नान करना फ़ायदेमंद रहता है. यह सेंक दवा या मरहम लगाने के बाद ही करना चाहिए. सेंक करने से रक्तवाहिनियां फैल जाती हैं और प्रकुपित तंत्रिकाएं शांत हो जाती हैं. इस प्रकार हमारे शरीर का दर्द शांत हो जाता है. इसके अलावा यहां पर हम कुछ उपयोगी घरेलू नुस्ख़े दे रहे हैं, जिनके प्रयोग से तमाम तरह के दर्द से राहत मिलती है.

Our Nutritionist Is Following These New Year Resolutions For A Healthier 2019; Find Out What These Are


Our Nutritionist Is Following These New Year Resolutions For A Healthier 2019; Find Out What These 

Are

1. Sleep early:

This is possibly the most overlooked aspect of health. Sleeping early is NOT 'uncool'. Adequate sleep is essential for rest and recovery. To be able to sleep early, put away your mobile phones, other gadgets and turn off your television sets half an hour before your stipulated bed time. Try to get 7-8 hours of uninterrupted sleep.

2. Exercise regularly:

This one has been said infinite number of times, yet it's worth repeating. It's more worthwhile to maintain regularity rather than starting over-zealously and falling out soon.

3. Staircase instead of lift:

Use the staircase instead of the elevator, walk to your destination whenever possible.

4. Eat whole, natural foods, choose local & seasonal produce:

Patronise the farmers, not the food industry. So skip the ready-to-eat, processedand packaged convenience foods as there are numerous health hazards involved.

5. Eat small & frequent meals:

Plan ahead for 3 main meals and atleast 3 small mid-meals or snacks. Carrying your meals and snacks when you head out of home is smart, and NOT 'uncool'.

6. Include 5-7 servings of fruits & veggies a day:

Include as many colours as you can, make sure they are local and seasonal.

7. Learn to recognize hunger & fullness signals:

So you will be able to avoid both extremes - starvation and overeating. It's an essential life skill to learn for good health.

8. Limit alcohol intake:

It's not healthy for any organ, in any quantity. When you are drinking wine, know that you are drinking for the sheer pleasure of drinking, and not for your heart health.

9. Quit smoking:

You are not only risking your own self, but also your near and dear ones who end up smoking passively. Use the progressive approach by reducing the numbers gradually.

10. Minimize use of plastics:

Plastics not only pollute the environment but also wreak havoc on female hormones.

11. Embrace zero waste cooking:

Try to use all parts like leaves, stem, roots etc to prepare soups, broths, vegetable stock. When we use only one plant part and discard the rest, we end up wasting tremendous amount of valuable nutrients.
12. Set weekly targets:

Set weekly targets for exercise, alcohol, cigarette cessation, weight loss, inch loss etc. Maintain a log to chart your progress. Don't forget to assess non scale victories like better energy, better endurance, improved sleep quality, fewer cravings, feel healthier and clothes fit better.
Lastly do not step onto the weighing scale every day. It never helps anyone. Infact, the stress and anxiety it causes is detrimental to good health. So keep your focus right, set your priorities, don't fall into the trap of fad diets for quick weight loss, and most importantly enjoy the journey.
Source - NDTV





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