योनिशोथ (Vaginitis)
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दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगता है बस ये कुछ घरेलू-नुस्खे अपनाकर
भूलने की आदत एक समस्या है, जिससे स्वयं को तो परेशानी होती ही है, बल्कि उससे
जुड़े दूसरे लोग भी कई बार परेशानी में पड़ जाते हैं। कमजोर याददाश्त को बुढ़ापे
की निशानी माना जाता है, लेकिन बार-बार भूलने की समस्या
केवल बूढ़े लोगों के साथ ही नहीं, बल्कि जवान लोगों के साथ भी
होती है। भूलने की समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में पाई जाती है।
भूलने का मुख्य कारण समान्यता एकाग्रता की कमी होती है।
अधिकतर समस्या दिमाग को रीकॉल करने में होती है, क्योंकि हमारे दिमाग को रीकॉल प्रोसेस के लिए जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता
होती है, उनकी शरीर में कमी हो जाती है। इसलिए उन पोषक तत्वों की
पूर्ति करने के लिए आगे बताए गए घरेलू-नुस्खे अपनाकर भूलने की आदत से छुटकारा पा
सकता है।
1. रात को पानी में लगभग 9 -10 नग बादाम भिगो दें। सुबह छिलके उतारकर उसको बारीक पीस कर
पेस्ट बना लें। अब एक गिलास गर्म दूध में उस बादाम का पेस्ट घोल लें। इसमें लगभग 3 चम्मच शहद डालें।बादाम मिला दूध जब हल्का गर्म हो तब पिएं। इसे
पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न खाएं।
2. देखा गया हैकि सुबह कॉफी पीने वाले , काफी न पीने वालों की तुलना में अधिक
फुर्ती से अपने कार्य निपटा लेते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, कैफीन मस्तिष्क के उन हिस्सों को क्रियाशील करता है, जहां से व्यक्ति की सक्रियता, मूड और ध्यान नियंत्रित होता है। इससे यादास्त को सुधारने मे सहायता मिलता है।
इसी लिए यदि आप सुबह और दोपहर में भी तो कॉफी लें इससे यादास्त सुधारने
में सहायता मिलेगा।
3. ब्रह्मी दिमागी ताकत बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है। आप इसके 7 - 8 पत्ते चबाकर खाने से भी
याददाश्त बढ़ती है। आप चाहे तो इसका एक चम्मच रस भी रोज पी सकते है ।=
4. अखरोट स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है।
20 ग्राम अखरोट और 10
ग्राम किशमिश मिलाकर खाने से
याददाश्त बढ़ती है। अखरोट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं और आप इसे ऐसे भी दिन में
5 – 6 खा सकते हैं। अखरोट खाने से कोलेस्ट्रॉल
भी नियंत्रित रहता है।
5. सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन विशेष फाइबर होता है। यह इम्यून सपोर्टिव
प्रोटीन्स के स्तर को बूस्ट करता है। रोज सेब का सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती
है साथ ही दिनभर में एक सेब खाना कई
बीमारियों से बचा जा सकता है।
6. दालचीनी का तेल भी स्मरण शक्ति बढ़ाने में काफी प्रभावकारी होता है। यह तेल
कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है, जिसकी वजह से आपका मस्तिष्क
तेजी से काम करता है। यह तेल दिमाग को ठंडक पहुंचाता है और तनाव को कम करते हुए
दिमाग को तेज-तर्रार बनाता है।
7. हरी चाय एक स्वास्थ्यवर्धक पेय है।
शोधकर्ताओं के अनुसार यह मस्तिष्क के लिए लाभदायक होती है। इसमें ऐसे रासायनिक
तत्व पाए हैं, जो मस्तिष्क की कोशिका के
उत्पादन, स्मृति में सुधार के साथ-साथ सीखने की क्षमता में भी सुधार करते
हैं।
8. अलसी का तेल एकाग्रता बढ़ाता है, स्मरण शक्ति तेज करता है और सोचने-समझने की शक्ति को भी बढ़ाता है, क्योकि अलसी के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं।
9. स्मरण शक्ति बढ़ाने में रोजमेरी (गुलमेंहदी) का तेल बहुत काम आता है । इसमें खुशबू
के साथ औषधीय गुण होते हैं। इसके खुशबू के
कारण इसे सुगंध चिकित्सा में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसकी तीखी खुशबू मस्तिष्क
को उत्प्रेरित करती है, जिसकी वजह से दिमाग की
कार्यक्षमता बढ़ती है। इस वजह से इसे ब्रेन टॉनिक भी कहा जाता है।
डायबिटीज में कमजोरी होने पर खाने में शामिल करें ये चीजें
अनियमित जीवन-शैली और खराब खान पान के कारण आज के समय में लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में कमजोरी हो जाती है। डायबिटीज एक तरह की मेटाबॉलिक बीमारी है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से घटता और बढ़ता है। डायबिटीज से पीड़ित से व्यक्तियों को अपने खान- पान को लेकर बहुत सतर्क रहना पड़ता है। ऐसे में मरीजों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए।
डायबिटीज के मरीजों को अपने डाइट में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिससे उनका ब्लड शुगर कंट्रोल रहे और शरीर में कमजोरी भी महसूस न हो ।
आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को खाने में क्या लेना चाहिए-
हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक
पालक पोषक तत्वों से भरपूर है और इसमें कैलोरी भी बहुत कम है। इसमें आयरन
अच्छी मात्रा में पाया जाता है। एक अध्ययन के अनुसार, पालक में थायलाकोइड्स पाया जाता है जोकि इंसुलिन रेसिस्टेंट
में भी मदद कर सकता है।
खीरा
खीरा में पानी के मात्रा भरपूर होता है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ पेट को भी भरा रखता है। खीरे सहित कुकुर्बिटेसी परिवार की अन्य
सब्जियां खाने से भी ब्लड शुगर लेवल को कम और कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इतना
ही नहीं, इससे शरीर में सूजन भी कम होती है। ब्लड शुगर लेवल कम होने से
कमजोरी भी कम महसूस होगी।
सलाद पत्ता (लेट्यूस)
सलाद पत्ता (लेट्यूस) में फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है। इसमें विटामिन K भी पाया जाता है जो कि रक्त के थक्का जमने और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। यह शरीर में अन्य चीजों के अवशोषण को धीमा करता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।
ब्रोकोली
ब्रोकोली में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है और यह प्रीबायोटिक के रूप में काम
करती है। प्रीबायोटिक फाइबर पेट और आंतों को स्वस्थ रखने में सहायक होता हैं। यह
ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल चयापचय में मदद करती है। जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में
भी मदद मिलती है।
हरी बीन्स
हरी बीन्स में विटामिन सी और विटामिन ए होता है और फाइबर की मात्रा भी अधिक
होती है। ब्लड शुगर कंट्रोल रखने के लिए
डायबिटीज के मरीजों को इस हरी सब्जी का सेवन जरूर करना चाहिए।
टमाटर
टमाटर में शरीर के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन सी, विटामिन ई और पोटेशियम पाए जाते हैं।डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल रखने के लिए टमाटर का सेवन करना चाहिए।
इनके अलावा आपको है बथुआ, लौकी, तोरई, मेथी, करेला, पत्तागोभी, भिन्डी, शतावरी और कच्चा केला जैसी हरी सब्जियों का भी खूब सेवन कर सकते हैं।
हरी सब्जियों के अलावा निम्न को भी सेवन करने से डायबिटीज के कारण शरीर में होने वाले कमजोरी दूर होती है।
बादामअलसी के बीज - अलसी के बीजों में मौजूद फाइबर और अल्फा लिनोलेनिक एसिड खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में कारगर हैं। इसके अलावा अलसी बीजों में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शारीरिक कमजोरी भी नहीं होने देता है। इसके अतिरिकत अलसी के बीज शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी कंट्रोल में रखता हैं। नियमित तौर पर अलसी के बीजों का सेवन करने से दिल के दौरे का खतरा भी कम हो जाता है।
लहसुन - शोध के मुताबिक लहसुन शरीर के ‘अमीनो एसिड होमोसिस्टीन’ को कंट्रोल करता है जिससे ब्लड में मौजूद शुगर लेवल को कम करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा शारीरिक कमजोरियों को दूर करने में लहसुन काफी कारगर माना जाता है।
दही - दही में पाया जाने वाला संयुग्मित लिनोलिक एसिड शरीर में हेल्दी ब्लड शुगर को बढ़ाता है परंतु ब्लड शुगर लेवल को बढ्ने नहीं देता है। संयुग्मित लिनोलिक एसिड, ऐसा फेट है जो वजन घटाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का भी काम करता है।दही को रोजाना खाने से डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल के खतरे से बचा जा सकता है।
कमर दर्द : लक्षण, कारण और उपचार
कमर दर्द : लक्षण, कारण और उपचार
कमर दर्द (पीठ दर्द) (Back Pain) किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, जो कुछ समय के बाद स्वयं ही ठीक हो जाता है।
इसी कारण, ज्यादातर लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए कमर दर्द परेशानी बन जाती है और उन्हें इसकी वजह से काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में जब किसी व्यक्ति को कमर दर्द हो, तो उसे शुरूआत में ही आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि यह अधिक न बढ़े।
कमर दर्द क्या है? (What is back pain)
कमर दर्द को पीठ दर्द के नाम से भी जाना जाता है। जब किसी व्यक्ति के पीट के ऊपरी, मध्यम या निचले हिस्से में खिंचाव महसूस होता है, तो उसे कमर दर्द या पीठ दर्द कहा जाता है।
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