खून में सुगर की कमी भी दिल के लिए हानिकारक
खून में सुगर की कमी भी दिल के लिए हानिकारक
On Date : 15 December, 2014, 11:52 AM
लंदन: अधिकतर हम यही सुनते हैं कि खून में शर्करा की मात्रा अधिक होना दिल के लिए हानिकारक है, लेकिन एक भारतीय मूल के चिकित्सक अपने अध्ययन में पाया है कि हाइपोग्लाइकेमिया (रक्त में सुगर की मात्रा खतरनाक ढंग से कम होना) भी दिल की बीमारियों को न्यौता दे सकता है।
खून में सुगर की मात्रा अधिक होने से दिल की बीमारियों का खतरा होता है, यह हम पहले से ही जानते हैं। लेकिन नया शोध बताता कि सुगर की मात्रा कम होना भी दिल के लिए हानिकारक है। हाइपोग्लाइकेमिया, इंसुलिन थरेपी के गंभीर दुष्प्रभावों में से एक है। हाइपोग्लाइकेमिया होने के बाद मधुमेह पीड़ित रोगी का इंसुलिन उपचार होने से उसे दिल की बीमारियां होने का खतरा 60 फीसदी अधिक होता है। ऐसे रोगियों में उन रोगियों के अपेक्षा मौत का खतरा भी दोगुना होता है, जिन्हें हाइपोग्लाइकेमिया नहीं है। ब्रिटेन के लीसेस्टर विश्वविद्यालय में प्राइमरी केयर डायबिटीज और वस्कुलर मेडिसिन के प्रोफेसर कमलेश खूंटी ने बताया, यह पहले अध्ययनों में से एक है जो टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में दिल की बीमारियों और मौत के खतरे का वर्णन करते हैं। खूंटी ने बताया, खतरे बहुत महत्वपूर्ण हैं और हमें रोगियों में इसकी पहचान जल्द करने की जरूरत है ताकि हम उनमें हाइपोग्लाइकेमिया का खतरा कम करने के लिए रणनीतियां लागू कर सकें।
अध्ययन में टाइम 1 मधुमेह के 3,260 रोगियों और टाइप 2 मधुमेह के 10,422 रोगियों का अध्ययन किया गया। मधुमेह के रोगियों की रक्त वाहिनियों में धमनी काठिन्य (आर्टिरीओस्कलेरोटिक) प्लक का गठन होने के कारण उनमें दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। लीसेस्टटर विश्वविद्यालय के मेलानी डेवीज ने बताया, इस शोध से प्राप्त आंक़डा टाइप 2 मधुमेह से संबंधित हमारे ज्ञान की पुष्टि करता है और टाइम 2 मधुमेह से संबंधित हमारा ज्ञान बढ़ाता है। परिणाम, मधुमेह के रोगियों की चुनौतियों को दर्शाते हैं। यह परिणाम इंसुलिन-उपचारित रोगियों के प्रबंधन में बदलाव का नेतृत्व कर सकते हैं। यह शोध 'डायबिटीज केयर' जर्नल में ऑनलाइन प्रकाशित हुआ है।
Source - pradeshtoday